गृहमंत्री के विधानसभा में चुनाव का वहिष्कार
ब्रजेश विश्वकर्मा
सागर/ खुरई विधानसभा क्षेत्र के सियाखेड़ी गांव के लोगों ने आने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान न करके चुनाव का वहिष्कार करने की घोषणा की है। इस गांव में सड़क पीने का पानी जैसी मूल भूत सुबिधायें तक नहीं होने के कारण ग्रामीणों को यह कदम उठाना पड़ा। अधिकारियों ने तात्कालीन तौर पर गांव में कार्य कराने की बात कही है। – खुरई विधानसभा में सियाखेड़ी गांव के लोगों ने आने वाले विधान सभा चुनाव में किसी भी पार्टी को वोट न देने की घोषणा की है। सियाखेड़ी गांव खुरई से महज 7 किलोमीटर दूर है। जिसमें 5 किलोमीटर सिलोधा गांव तक तो पक्की सड़क है लेकिन इसके बाद 2 किलोमीटर सियाखेड़ी तक का कच्चा रास्ता है। पिछली विधानसभा चुनाव के समय ही यह सड़क मुख्यमंत्री सड़क के लिये प्रस्तावित की गई थी ।लेकिन कई बार शिकायतें करने के बाद कोई कार्य नहीं किया गया। जिससे बरसात में गांव पहुंचने बहुत परेशानी होती है। केवल इतना ही नहीं गांव के अंदर रास्तों का भी यही हाल है। ग्रामीणों को गांव तक आने में जितनी परेशानी होती है उतनी ही परेशानी गांव में अपने घर तक जाने में होती है। सबसे ज्यादा परेशानी तो महिलाओं को होती है। क्योंकि पुरुष और बच्चे तो पत्थरों पर पैर रखकर बेंलेंस बनाकर निकल जाते है लेकिन महिलायें गिर जाती है जिससे वे घुटनों तक कीचड़ में होकर निकलने को मजबूर है। – गांव में दलित मुहल्ले के लोगों को स्वच्छ पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। हेंडपंप सूख जाने के कारण ग्रामीणों ने गांव में ही तालाब खोदा कुछ समय तक उसी में से गंदा पानी पीने को मजबूर रहे। बाद में तालाब धसक जाने से अब केवल एक कुंये का सहारा है लेकिन कुंऐं का पानी पीने लायक नहीं है। गंदा मटमैला और कीड़ों से भरा पानी ग्रामीण छान कर पीते है लेकिन आये दिन बच्चे बीमार बने रहते हैं। इतना ही नहीं गांव में लगभग 20 छात्र छात्रायें दूसरे गांव लगभग 5 किलोमीटर दूर पढ़ने जाते है जिन्हे इसी कीचड़ में से जाना पड़ता है। साईकिलें तो स्कूल से मिली है लेकिन चलाने के लिये सड़क नहीं है मजबूरी में दो घंटे खराब करने पड़ते है पैदल चलने में ।
इनका कहना है
इस बात की खबर फैलते ही अधिकारियों ने ग्रामीणों का नाराजगी दूर करने और गांव में प्राथमिक तौर पर सड़क चलने लायक बनाने व पीने के पानी की व्यवस्था करने की बात कही है। साथ ही ग्रामीणों को समझाईश देकर उन्हें मनाकर मतदान कराने का भी प्रयास किया जायेगा।
– जहां एक ओर सरकार डिजीटल इंडिया बनाने और विकास का ढिढोरा पीटा जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर अभी भी कई स्थानों पर पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधायें मिलनी बाकी है।